भक्त और भगवान
राम-नाम भक्त और भगवान के बीच का सेतु है, दोनों को जोड़ता है। जुड़ाव के मिलन का यह जो आनंद होता है, और इससे जो प्रसन्नता प्राप्त होती है, है तो परम मोक्ष है। राम-नाम का जप करने में अमृत-सा स्वाद है और यह स्वाद ही तो मोक्षरूपी परिणाम प्रकट करता है। राम-नाम महामंत्र है, प्रभु का पावन मंत्र है। इस मंत्र का जप स्वयं भगवान शिव भी करते हैं। इस महामंत्र पर कोई प्रतिबंध नहीं है, यह सबका मंत्र है।
Ram-Nam is the bridge between the devotee and the Lord, connecting the two. This bliss of union, and the happiness that comes from it, is the ultimate salvation. There is a nectar-like taste in chanting the name of Rama, and it is this taste that reveals the result of salvation. Ram-Nam is the Mahamantra, the holy mantra of the Lord. Lord Shiva himself also chants this mantra. There is no restriction on this Mahamantra, it is everyone's mantra.
Devotee and God | Arya Samaj Chhindwara, 9300441615 | Chhindwara Aarya Samaj | Marriage Service by Arya Samaj Chhindwara | Arya Samaj Hindu Temple Chhindwara | Arya Samaj Marriage Guidelines Chhindwara | Arya Samaj Vivah Chhindwara | Inter Caste Marriage Chhindwara | Marriage Service by Arya Samaj Mandir Chhindwara | Arya Samaj Indore Chhindwara | Arya Samaj Marriage Helpline Chhindwara | Arya Samaj Vivah Lagan Chhindwara | Inter Caste Marriage Consultant Chhindwara | Marriage Service in Arya Samaj Chhindwara | Arya Samaj Inter Caste Marriage Chhindwara | Arya Samaj Marriage Chhindwara | Arya Samaj Vivah Mandap Chhindwara | Inter Caste Marriage Helpline Chhindwara | Marriage Service in Arya Samaj Mandir Chhindwara | Arya Samaj Intercaste Marriage Chhindwara | Arya Samaj Marriage Pandits
यज्ञ द्वारा सुख की प्राप्ति ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका के वेद विषय विचार अध्याय में महर्षि दयानन्द सरस्वती ने वर्णित किया है कि यज्ञ में जो भाप उठता है, वह वायु और वृष्टि के जल को निर्दोष और सुगन्धित करके सब जगत को सुखी करता है, इससे वह यज्ञ परोपकार के लिए होता है। महर्षि ने इस सम्बन्ध में ऐतरेय ब्राह्मण का प्रमाण देते हुए लिखा है...